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June 13, 2024

पेलेट बनाने के लिए विभिन्न प्रकार के कच्चे माल का उपयोग किया जा सकता है।

पेलेट बनाने के लिए विभिन्न प्रकार के कच्चे माल का उपयोग किया जा सकता है। निम्नलिखित कच्चे माल का उपयोग पेलेट निर्माण के लिए किया जाता है:

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  1. चावल का भूसा: धान की फसल से प्राप्त अवशेष।
  2. चावल का छलका: धान की मिलिंग के दौरान निकला हुआ कचरा।
  3. गेहूँ का डंठल: गेहूँ की फसल के कटने के बाद बची हुई तने।
  4. गेहूँ फली: गेहूँ की फली जो कटाई के बाद बच जाती है।
  5. मक्का का कोब: मक्का के भुट्टे के अंदर का हिस्सा।
  6. मक्का का डंठल: मक्का की फसल के बाद बची हुई तने।
  7. बाजरा कोब: बाजरे की फसल के भुट्टे के अवशेष।
  8. बाजरे की भूसी: बाजरे की फसल के बाद बची हुई भूसी।
  9. बाजरे का डंठल: बाजरे के पौधे का तना।
  10. जौ का भूसा: जौ की फसल के कटने के बाद बची हुई अवशेष।
  11. छोटा बाजरा का भूसा: छोटे बाजरे की फसल के बाद बची हुई भूसी।
  12. रागी का भूसा: रागी की फसल के बाद बची हुई अवशेष।
  13. ज्वार का कोब: ज्वार की फसल के भुट्टे के अवशेष।
  14. ज्वार का भूसा: ज्वार की फसल के कटने के बाद बची हुई अवशेष।
  15. ज्वार का डंठल: ज्वार की फसल के बाद बची हुई तने।
  16. सरसो का डंठल: सरसों की फसल के कटने के बाद बची हुई तने।
  17. रेपसीड डंठल: रेपसीड की फसल के बाद बची हुई तने।
  18. अलसी का डंठल: अलसी की फसल के बाद बची हुई तने।
  19. नाइजर डंठल: नाइजर फसल के बाद बची हुई तने।
  20. कुसुम का डंठल: कुसुम की फसल के बाद बची हुई तने।
  21. कपास का भूसी: कपास की फसल के बाद बची हुई भूसी।
  22. जलाऊ लकड़ी: जलाने के लिए उपयोग की जाने वाली लकड़ी।
  23. बबूल की लकड़ी: बबूल के पेड़ की लकड़ी।
  24. गन्ने की खोई: गन्ने की पेराई के बाद बची हुई खोई।
  25. नील गरी लकड़ी: नीलगिरी के पेड़ की लकड़ी।
  26. कपास के बीज हल: कपास के बीज के छिलके।
  27. वन बायोमास: जंगलों से प्राप्त जैविक अवशेष।

यह सभी कच्चे माल विभिन्न प्रकार की पेलेट निर्माण प्रक्रिया में उपयोग किए जाते हैं, जो ऊर्जा उत्पादन और अन्य उद्देश्यों के लिए उपयोग किए जाते हैं।

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